3rd Grade Teacher Promotion in Rajasthan: राजस्थान में शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक बड़ा और दूरगामी निर्णय लिया है राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हाल ही में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणामों की घोषणा के दौरान इस बात की जानकारी दी कि आगामी समय में तृतीय श्रेणी शिक्षकों का व्यापक स्तर पर प्रमोशन किया जाएगा यह निर्णय राज्य के शिक्षा तंत्र को पुनः सक्रिय और सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया एक निर्णायक कदम है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस वर्ष लगभग 21,000 से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षकों का प्रमोशन प्रस्तावित है, जो न केवल शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांगों को पूरा करेगा बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी परोक्ष रूप से सुधार लाएगा यह प्रक्रिया राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लाए गए नवाचारों और उनमें दिखे सकारात्मक परिणामों के मद्देनज़र तय की गई है।
वर्षों से लंबित पदोन्नति प्रक्रिया को मिला नया जीवन
राज्य में पिछले पांच वर्षों से किसी भी स्तर पर शिक्षकों की पदोन्नति नहीं की गई थी इसका सीधा असर विद्यालयों की कार्यक्षमता और शैक्षणिक गुणवत्ता पर पड़ा है अब जबकि सरकार ने सभी विभागीय पदोन्नति समितियों (डीपीसी) को सक्रिय कर दिया है, इससे स्पष्ट होता है कि सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है।
शिक्षकों के लिए यह निर्णय विशेष महत्व रखता है, क्योंकि कई ऐसे शिक्षक हैं जो एक ही स्थान पर वर्षों से कार्यरत हैं और स्थानांतरण के बजाय प्रमोशन को वरीयता देना चाहते हैं वरिष्ठता प्रभावित न हो, इसके लिए अब प्रमोशन के साथ स्थानांतरण की प्रक्रिया को भी अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
शैक्षणिक ढांचे को समेकित करने की दिशा में पहल
शिक्षा मंत्री ने अपने वक्तव्य में यह भी बताया कि राज्य में 369 विद्यालय ऐसे पाए गए हैं जहां छात्र नामांकन पूरी तरह से शून्य है इसके अलावा 81 विद्यालय ऐसे हैं जो एक ही परिसर में 100 मीटर की दूरी पर संचालित हो रहे थे इन विद्यालयों को समेकित कर एक अधिक प्रभावशाली और केंद्रीकृत शैक्षणिक ढांचे की स्थापना की गई है जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्हें अब सभी विषयों और संकायों का चयन करने की आज़ादी दी गई है यह निर्णय लैंगिक समानता और समावेशी शिक्षा नीति की दिशा में एक सशक्त कदम है।
तबादलों पर फिलहाल विराम, पारदर्शिता की मांग
वर्तमान में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल किसी भी प्रकार का तबादला नहीं किया जाएगा केवल अत्यावश्यक स्थिति में शिक्षकों को डेपुटेशन पर भेजा जाएगा इस फैसले से कुछ शिक्षकों में असंतोष देखा गया है और तबादला प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग जोर पकड़ रही है।
रिक्त पदों को भरने की दिशा में सकारात्मक कदम
शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए सरकार ने यह भी घोषणा की है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से 65,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुई रीट परीक्षा इस दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल थी परिणामों की समयबद्ध घोषणा और परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता ने यह सिद्ध किया है कि सरकार अब शिक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की शिथिलता नहीं बरतना चाहती।
शिक्षकों पर अब केवल शिक्षण का दायित्व
सरकार अब शिक्षकों को अशैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने की दिशा में भी काम कर रही है किसी भी धार्मिक गतिविधि जैसे पूजा, अर्चना, या नमाज़ के लिए अब शिक्षक विद्यालय परिसर नहीं छोड़ सकेंगे कक्षा में मोबाइल के प्रयोग पर रोक लगाने के साथ-साथ शिक्षकों को केवल शिक्षण कार्यों पर केंद्रित रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मूल्यांकन प्रणाली में भी बदलाव लाया गया है ताकि छात्रों को प्रोत्साहन मिल सके यदि किसी छात्र के सैद्धांतिक परीक्षा में 40 से कम अंक आते हैं तो उसे पास घोषित किया जाएगा, लेकिन विषय शिक्षक की जवाबदेही तय की जाएगी यह निर्णय शिक्षकों में गुणवत्ता-आधारित उत्तरदायित्व को स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन है।
राजस्थान सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम न केवल शिक्षकों के हित में हैं, बल्कि राज्य की संपूर्ण शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा देने वाले सिद्ध होंगे।