नई दिल्ली: सालों से चली आ रही तत्काल टिकट की मारामारी अब खत्म होने वाली है। भारतीय रेलवे ने एक ऐसा बड़ा फैसला लिया है, जिसे तत्काल टिकट बुकिंग सिस्टम पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कहा जा रहा है। इस नए नियम के बाद टिकट एजेंटों और दलालों का ‘खेल’ पूरी तरह से खत्म हो जाएगा और आम यात्रियों के लिए कन्फर्म टिकट पाना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा। 15 जुलाई 2025 से लागू होने वाले इस नियम का सीधा फायदा करोड़ों रेल यात्रियों को मिलेगा।
रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग में धांधली और दलाली को जड़ से खत्म करने के लिए टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा हथियार यानी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया है। अब कोई भी व्यक्ति बिना आधार वेरिफिकेशन के तत्काल टिकट बुक नहीं कर पाएगा। यह फैसला उस आम आदमी के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है, जो तत्काल टिकट खुलने के कुछ ही सेकंड के भीतर ‘टिकट खत्म’ का मैसेज देखकर निराश हो जाता था।
एजेंटों पर सबसे बड़ी स्ट्राइक: पहले 30 मिनट सिर्फ आपके
रेलवे ने टिकट दलालों की कमर तोड़ने के लिए सबसे बड़ा बदलाव बुकिंग के शुरुआती समय में किया है। नए नियमों के अनुसार, अब अधिकृत टिकट बुकिंग एजेंट तत्काल टिकट खुलने के पहले 30 मिनट तक कोई भी टिकट बुक नहीं कर पाएंगे।
तत्काल एसी क्लास की बुकिंग सुबह 10 बजे और नॉन-एसी (स्लीपर) क्लास की बुकिंग सुबह 11 बजे शुरू होती है। इसका मतलब है कि सुबह 10:00 बजे से 10:30 बजे (एसी क्लास) और 11:00 बजे से 11:30 बजे (नॉन-एसी क्लास) तक का समय सिर्फ और सिर्फ आम यात्रियों के लिए आरक्षित होगा। यह वह ‘गोल्डन आवर’ होगा जब यात्री बिना किसी दलाल की दखलअंदाजी के सीधे रेलवे सिस्टम से टिकट बुक कर सकेंगे, जिससे कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना लगभग 100% तक बढ़ जाएगी।
15 जुलाई से क्या बदलेगा? समझें ‘आधार-OTP’ का पूरा खेल
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, 15 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग की पूरी प्रक्रिया बदल जाएगी। चाहे आप IRCTC की वेबसाइट या ऐप से टिकट बुक करें या फिर स्टेशन के काउंटर पर जाकर, आपको आधार ऑथेंटिकेशन से गुजरना ही होगा।
ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए अब आपका IRCTC अकाउंट आधार से वेरिफाइड होना अनिवार्य है। जब आप टिकट बुक करेंगे, तो आपके आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर एक वन-टाइम पासवर्ड (OTP) आएगा। इस OTP को डालने के बाद ही आपकी टिकट बुकिंग कन्फर्म होगी। यही प्रक्रिया रेलवे के PRS काउंटर पर भी अपनाई जाएगी, जहाँ टिकट बुक करने वाले यात्री को अपना आधार नंबर बताना होगा और मोबाइल पर आए OTP से उसे वेरिफाई करवाना होगा। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि टिकट केवल वास्तविक यात्री ही बुक कर रहे हैं, न कि कोई सॉफ्टवेयर या दलाल।
आम आदमी को कैसे मिलेगा सीधा फायदा?
इस नए नियम का सबसे बड़ा और सीधा फायदा आम यात्रियों को मिलने वाला है। अब तक एजेंट और दलाल खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके एक साथ कई टिकट बुक कर लेते थे, जिससे आम यात्री दौड़ से बाहर हो जाता था। आधार OTP की अनिवार्यता से यह धांधली पूरी तरह रुक जाएगी।
इससे न केवल सिस्टम में पारदर्शिता आएगी, बल्कि तत्काल टिकट की कालाबाजारी पर भी रोक लगेगी। हर यात्री को टिकट बुक करने का बराबर का मौका मिलेगा। रेलवे का यह कदम ‘डिजिटल इंडिया’ की ताकत को दिखाते हुए आम यात्री को टेक्नोलॉजी के जरिए सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।