B.Ed Course Restructured: बी.एड पाठ्यक्रम में बदलाव अब शिक्षक प्रशिक्षण में बड़ा परिवर्तन

B.Ed Course Restructured: राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद द्वारा घोषित नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार अब बी.एड कोर्स की पारंपरिक संरचना में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है 2025 से देश भर में केवल उन्हीं संस्थानों में बी.एड पाठ्यक्रम संचालित किए जा सकेंगे, जो बहुविषयक शिक्षा संस्थान की श्रेणी में आते हों।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षक बनने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों का समावेशी अनुभव मिले, जिससे उनकी शिक्षण क्षमता व्यापक और सशक्त हो सके।

पूर्व में ऐसे कॉलेज जिनमें केवल बी.एड पाठ्यक्रम ही संचालित होते थे, वे भी यह कोर्स चलाने के पात्र होते थे अब उन्हें या तो अन्य पाठ्यक्रमों को अपने संस्थान में शामिल करना होगा या किसी समीपवर्ती बहुविषयक संस्थान के साथ विलय करना होगा इस नीति परिवर्तन से भविष्य के शिक्षक अधिक समग्र दृष्टिकोण के साथ शिक्षण के क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।

एक वर्षीय बी.एड कोर्स की वापसी: 2026-27 से होगी शुरुआत

एनसीटीई द्वारा घोषित एक और महत्वपूर्ण कदम यह है कि शैक्षणिक सत्र 2026-27 से एक वर्षीय बी.एड कोर्स को पुनः प्रारंभ किया जाएगा यह सुविधा केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को प्राप्त होगी जिन्होंने चार वर्षीय एकीकृत स्नातक कोर्स या परास्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी कर ली हो जबकि तीन वर्षीय सामान्य स्नातक डिग्रीधारी अभ्यर्थियों के लिए दो वर्षीय बी.एड पाठ्यक्रम पूर्ववत लागू रहेगा।

यह निर्णय शिक्षा में दक्षता और समय की बचत की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है इसके माध्यम से योग्य उम्मीदवार कम समय में शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे और जल्दी रोजगार के लिए उपलब्ध हो पाएंगे इस कोर्स की प्रवेश पात्रता के अंतर्गत सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए स्नातक अथवा परास्नातक में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक आवश्यक हैं, जबकि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग को 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

बी.एड कोर्स की संरचना में बदलाव से पाठ्यक्रम और मूल्यांकन प्रणाली भी होगी प्रभावी

बी.एड पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को बाल विकास, शिक्षण विधियाँ, मूल्यांकन प्रक्रियाएँ, कक्षा प्रबंधन और स्कूलों में व्यावहारिक प्रशिक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों में प्रशिक्षण दिया जाता है नवीन परिवर्तनों के साथ यह पाठ्यक्रम और भी अधिक व्यावहारिक, आधुनिक और परिणामोन्मुखी बन जाएगा इससे शिक्षकों की शैक्षणिक दक्षता में न केवल वृद्धि होगी, बल्कि वे छात्रों की विविध आवश्यकताओं को भी बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।

एक वर्षीय एम.एड कोर्स: शिक्षा क्षेत्र के पेशेवरों के लिए नई राह

बी.एड के साथ-साथ अब एम.एड पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया गया है शिक्षकों तथा शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत पेशेवरों के लिए एक वर्षीय एम.एड कोर्स प्रारंभ किया जाएगा इस कोर्स के माध्यम से वे शिक्षा प्रशासन, नीति निर्माण, पाठ्यक्रम विकास तथा शैक्षणिक नेतृत्व जैसे क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता को निखार सकेंगे।

यह कोर्स उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा जो न केवल शिक्षण में, बल्कि शिक्षा व्यवस्था के विकास और संचालन में भी सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं इस पाठ्यक्रम की संरचना इस तरह से की जाएगी कि शिक्षण क्षेत्र के जमीनी अनुभवों को सैद्धांतिक ज्ञान से जोड़कर वास्तविक परिवर्तन लाया जा सके।

चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) से होगी शिक्षा में क्रांति

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद अब चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम को भी प्रमुखता से बढ़ावा दे रही है इस कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थी BA-B.Ed, BSc-B.Ed और BCom-B.Ed को एक साथ पूरा कर सकेंगे इसका उद्देश्य है कि शिक्षक बनने की प्रक्रिया को प्रारंभिक स्तर से ही एकीकृत और सुगम बनाया जा सके।

यह कार्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2025-26 से आरंभ होगा और इसमें प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा संचालित किया जाएगा इस कार्यक्रम से छात्रों का समय बचेगा और उन्हें स्नातक के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षक प्रशिक्षण भी प्राप्त होगा, जो अंततः पूरे शिक्षा तंत्र की गुणवत्ता में सुधार लाएगा।

इन सभी परिवर्तनों के माध्यम से भारत का शिक्षक शिक्षा तंत्र अब अधिक संगठित, आधुनिक और परिणाममूलक दिशा में अग्रसर होता दिखाई दे रहा है यदि आप शिक्षक बनने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय है इन बदलावों को गंभीरता से समझने और उसके अनुरूप तैयारी करने का।

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