BED-D.El.Ed Dual Degree Rule: बीएड-डीएलएड दोहरी डिग्री नियम अब दोनों डिग्रियाँ एक साथ मान्य

BED-D.El.Ed Dual Degree Rule: भारतीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है अब शैक्षिक सत्र में विद्यार्थी बीएड (शिक्षाशास्त्र स्नातक) और डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) दोनों डिग्रियाँ एक साथ प्राप्त कर सकते हैं यह बदलाव न केवल उम्मीदवारों के समय और संसाधनों की बचत करेगा, बल्कि उन्हें शिक्षा क्षेत्र में अधिक अवसरों के लिए तैयार भी करेगा।

पहले क्या था नियम, अब क्या बदला

पूर्व में यूजीसी के नियमों के तहत कोई भी विद्यार्थी एक ही समय में केवल एक रेगुलर डिग्री पाठ्यक्रम में दाख़िला ले सकता था यदि कोई छात्र बीएड कर रहा होता, तो उसे डीएलएड की पढ़ाई पूरी करने के लिए या तो बीएड समाप्त होने का इंतजार करना पड़ता या फिर एक डिग्री रेगुलर और दूसरी डिस्टेंस मोड से करनी होती ऐसे में डिग्रियों की वैधता को लेकर कई बार भ्रम और आपत्तियाँ सामने आती थीं।

अब यूजीसी ने अपने दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि विद्यार्थी दोनों डिग्रियाँ एक साथ, एक ही सत्र में, निर्धारित शर्तों के साथ कर सकते हैं इन शर्तों में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि दोनों डिग्रियों की कक्षाओं का समय आपस में टकराना नहीं चाहिए यह नियम रेगुलर और डिस्टेंस दोनों मोड्स में लागू होगा।

डबल डिग्री का लाभ शिक्षण क्षेत्र में कैसे मिलेगा

शिक्षण क्षेत्र में भर्ती के दौरान प्राथमिक शिक्षकों के पदों के लिए डीएलएड अनिवार्य माना जाता है, जबकि उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षण भर्तियों में बीएड आवश्यक होता है ऐसे में जिन अभ्यर्थियों के पास दोनों डिग्रियाँ होंगी, वे प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक की भर्तियों के लिए योग्य माने जाएंगे इससे न केवल चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी, बल्कि उम्मीदवारों को ज्यादा विकल्प और लचीलापन भी मिलेगा।

इस नए नियम के तहत एक ही समय में दोनों डिग्रियाँ अर्जित करने से विद्यार्थियों को पढ़ाई की अवधि कम करने का अवसर मिलेगा, साथ ही आर्थिक बोझ में भी कमी आएगी यह निर्णय विशेष रूप से उन अभ्यर्थियों के लिए लाभकारी होगा जो आर्थिक रूप से सीमित संसाधनों में बेहतर भविष्य की योजना बना रहे हैं।

पहले से ली गई डिग्रियों को भी मिली मान्यता

यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2022 से पहले जो विद्यार्थी एक साथ दो डिग्रियाँ प्राप्त कर चुके हैं, उनमें से एक रेगुलर मोड और दूसरी डिस्टेंस मोड में है, तो अब उन दोनों डिग्रियों को भी औपचारिक रूप से मान्यता दी जाएगी यह निर्णय उन हजारों छात्रों के लिए राहत की खबर है जिन्हें अपनी डिग्रियों की मान्यता को लेकर नौकरी और उच्च शिक्षा के अवसरों में दिक्कतें आ रही थीं।

अब वे अभ्यर्थी जिन्होंने बीएड और डीएलएड दोनों को एक साथ या अलग-अलग मोड में पूरा किया है, उन्हें किसी भी प्रकार की मान्यता संबंधी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है यूजीसी द्वारा जारी नए दिशा-निर्देश इस बात की पुष्टि करते हैं कि सभी ऐसी डिग्रियाँ अब पूरी तरह वैध मानी जाएंगी।

छात्रों के लिए अगला कदम क्या होना चाहिए

इस नए नियम के तहत इच्छुक विद्यार्थियों को संबंधित विश्वविद्यालयों या संस्थानों की वेबसाइट पर जाकर विस्तृत गाइडलाइनों का अध्ययन करना चाहिए साथ ही यह भी सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि दोनों पाठ्यक्रमों की समय-सारणी अलग-अलग हो और विश्वविद्यालय यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त हो आवेदन करने से पहले विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पात्रता, प्रवेश प्रक्रिया और अन्य शर्तों को भली-भांति समझना अत्यंत आवश्यक है।

इस परिवर्तन से स्पष्ट है कि भारत में शिक्षक शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला, सुलभ और व्यावसायिक बनाया जा रहा है यह कदम न केवल शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता को बढ़ावा देगा, बल्कि देश को बेहतर और बहु-कुशल शिक्षकों की एक सशक्त पीढ़ी भी देगा।

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