करोड़ों नौकरीपेशा लोगों का अपने घर का सपना अब हकीकत बन सकता है। केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) के नियमों में एक ऐसा क्रांतिकारी बदलाव किया है, जो आपके सपनों के आशियाने की चाबी आपके हाथ में दे सकता है। अब आप घर खरीदने या बनाने के लिए अपने प्रॉविडेंट फंड (PF) खाते में जमा कुल राशि का 90 प्रतिशत तक हिस्सा निकाल सकते हैं। यह फैसला खासकर उन युवाओं और वेतनभोगी वर्ग के लिए एक संजीवनी है, जिन्हें डाउन पेमेंट जुटाने में सबसे ज्यादा मुश्किल होती है।
क्या है EPFO का यह बड़ा ऐलान?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों को बड़ी राहत देते हुए घर खरीदने से जुड़े नियमों को बेहद आसान बना दिया है। नए प्रावधान के तहत, कोई भी EPFO सदस्य घर खरीदने, प्लॉट लेकर उस पर मकान बनवाने या फिर बने-बनाए फ्लैट को खरीदने के लिए अपने पीएफ खाते से 90 फीसदी तक की रकम एडवांस के तौर पर निकाल सकता है। पहले के जटिल नियमों और कई तरह की सीमाओं को अब हटा दिया गया है, जिससे यह प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा सरल और फायदेमंद हो गई है। इसका सीधा मतलब है कि अगर आपके पीएफ खाते में 10 लाख रुपये जमा हैं, तो आप घर के लिए 9 लाख रुपये तक निकाल सकते हैं।
लेकिन ये है वो एक बड़ी शर्त जिसे जानना है जरूरी
यह सुविधा जितनी आकर्षक है, उतनी ही जरूरी इसकी सबसे बड़ी शर्त को समझना है। EPFO के नियमों के अनुसार, 90 प्रतिशत पीएफ निकासी का यह लाभ उठाने के लिए आपका किसी पंजीकृत हाउसिंग सोसाइटी का सदस्य होना अनिवार्य है। इस हाउसिंग सोसाइटी में कम से कम 10 सदस्य होने चाहिए। नियम यह कहता है कि जब आप इस सोसाइटी के सदस्य के तौर पर घर या प्लॉट खरीदते हैं, तभी आप इस विशेष निकासी सुविधा के हकदार होंगे। सरकार ने यह नियम इसलिए बनाया है ताकि इस सुविधा का संगठित और सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके। इसलिए, आवेदन करने से पहले यह जरूर जांच लें कि आप इस मुख्य शर्त को पूरा करते हैं या नहीं।
पुराने नियमों से कितना अलग और बेहतर है यह बदलाव?
पहले भी पीएफ से घर के लिए पैसा निकालने का प्रावधान था, लेकिन उसकी शर्तें काफी कठिन थीं। पहले कम से कम 5 साल की EPFO सदस्यता अनिवार्य थी, जिसे अब घटाकर सिर्फ 3 साल कर दिया गया है। इसके अलावा, पहले निकासी की सीमा आपकी 36 महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के योग या प्रॉपर्टी की कुल लागत, जो भी कम हो, तक सीमित थी। इस जटिल गणना को अब पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। अब सीधा और सरल नियम है – आपके खाते में जमा कुल रकम का 90 प्रतिशत। इस एक बदलाव ने लाखों कर्मचारियों के लिए घर खरीदने की राह आसान कर दी है।
रिटायरमेंट फंड पर असर: सोच-समझकर लें फैसला
यह सुविधा निस्संदेह एक बड़ा अवसर है, लेकिन वित्तीय सलाहकारों का मानना है कि यह आपका आखिरी विकल्प होना चाहिए। आपका पीएफ खाता आपकी सेवानिवृत्ति (Retirement) के बाद की सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा के लिए होता है। इसमें से बड़ी रकम निकालने का सीधा असर आपके रिटायरमेंट फंड पर पड़ेगा और आपको मिलने वाले ब्याज का भी नुकसान होगा। इसलिए, इस सुविधा का लाभ उठाने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का पूरी तरह से विश्लेषण कर लें और अगर कोई और विकल्प न हो, तभी यह कदम उठाएं।