Govt Employees Retirement Age Update: सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु अपडेट सरकार ने अफवाहों पर तोड़ी चुप्पी

Govt Employees Retirement Age Update: हाल ही में सोशल मीडिया और कई समाचार प्लेटफार्मों पर एक वायरल नोटिस के माध्यम से यह दावा किया गया कि केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति की आयु को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दिया है इस कथित आदेश में यह भी उल्लेख था कि आयु सीमा में यह परिवर्तन 1 जुलाई 2025 से लागू होगा इस खबर ने देश भर में लाखों सरकारी कर्मचारियों और नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी।

इस संदर्भ में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया है कि सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है और न ही इस विषय पर कोई आधिकारिक प्रस्ताव विचाराधीन है मंत्री ने कहा कि वायरल हो रहा नोटिस पूर्ण रूप से फर्जी है और इससे संबंधित कोई दस्तावेज सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है उन्होंने यह भी जोड़ा कि फिलहाल सेवानिवृत्ति आयु में कोई बदलाव करने की योजना नहीं बनाई गई है।

कर्मचारियों की मांग और संगठनों का पक्ष

विभिन्न सरकारी कर्मचारी संगठनों ने समय-समय पर सेवानिवृत्ति की आयु में बढ़ोतरी की मांग सरकार के समक्ष रखी है उनका तर्क है कि आज के समय में जीवन प्रत्याशा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और 60 वर्ष की आयु के बाद भी कर्मचारी मानसिक एवं शारीरिक रूप से कार्य करने में सक्षम हैं संगठनों का मानना है कि सेवा अनुभव और दक्षता को देखते हुए कर्मचारियों को अतिरिक्त दो वर्ष तक सेवा देने का अवसर मिलना चाहिए।

इसके समर्थन में कुछ संगठनों ने सरकार को ज्ञापन भी भेजा है जिसमें यह मांग की गई है कि सेवा निवृत्ति की आयु को 62 वर्ष या उससे अधिक किया जाए हालांकि, अभी तक इस पर सरकार की ओर से किसी प्रकार की स्वीकृति या ठोस विचार विमर्श की सूचना सामने नहीं आई है।

नई भर्तियों पर संभावित प्रभाव

सेवा निवृत्ति की आयु में संभावित वृद्धि को लेकर एक महत्वपूर्ण चिंता यह भी है कि इससे नई भर्तियों में कमी आ सकती है यदि कर्मचारी अधिक समय तक सेवा में बने रहते हैं, तो उनके स्थान पर नई नियुक्तियाँ बाधित हो सकती हैं यह स्थिति उन युवाओं के लिए चिंता का विषय है जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं।

सरकार ने इस मुद्दे पर भी अपना पक्ष स्पष्ट किया है कि सेवानिवृत्ति आयु में बदलाव का विचार फिलहाल नहीं किया जा रहा है और नई भर्तियों की प्रक्रिया नियमित रूप से जारी रहेगी उन्होंने यह भी कहा है कि युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर बनाए रखने हेतु आने वाले समय में और अधिक रिक्तियों की घोषणा की जाएगी।

आर्थिक पक्ष और पेंशन का दबाव

सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के पक्ष में कुछ अर्थशास्त्रियों का यह तर्क रहा है कि इससे सरकार पर पेंशन संबंधी वित्तीय दबाव में थोड़ी राहत मिल सकती है यदि कर्मचारी अधिक समय तक सेवा में बने रहते हैं, तो पेंशन भुगतान में विलंब होगा जिससे राजकोषीय संतुलन बनाए रखने में सहायता मिल सकती है हालांकि, केंद्र सरकार ने इस आर्थिक तर्क को अपनी नीतियों में शामिल करने से इनकार किया है।

वर्तमान समय में सरकार की प्राथमिकता कर्मचारियों की सेवा शर्तों में स्थिरता बनाए रखने की है और कोई भी निर्णय व्यापक विचार-विमर्श एवं सभी हितधारकों से परामर्श के पश्चात ही लिया जाएगा।

विभागीय भिन्नताएं और सेवानिवृत्ति नियम

यह भी ध्यान देना आवश्यक है कि विभिन्न विभागों में सेवा निवृत्ति की आयु अलग-अलग निर्धारित होती है रक्षा सेवाओं, चिकित्सा, न्यायिक सेवा अथवा वैज्ञानिक संस्थानों में यह आयु सीमा भिन्न हो सकती है अतः किसी भी कर्मचारी को अपने विभाग की नीति के अनुसार ही सेवा निवृत्ति की आयु का निर्धारण करना चाहिए।

साथ ही, यदि कोई कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेना चाहता है, तो उसके लिए विभागीय नियमों के अनुरूप न्यूनतम सेवा अवधि एवं अन्य पात्रताओं को पूर्ण करना अनिवार्य होता है।

सरकारी कर्मचारियों की सेवा से संबंधित नीतियाँ व्यापक असर डालती हैं, इसलिए सरकार द्वारा इस प्रकार के किसी भी निर्णय को लेने से पूर्व पूरी पारदर्शिता एवं औपचारिक प्रक्रिया अपनाना आवश्यक होता है फिलहाल किसी भी प्रकार की आयु वृद्धि की खबर मात्र अफवाह है, जिसकी पुष्टि सरकार ने स्वयं कर दी है।

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